टीकमगढ़ | मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले के सैतपुरा बारह गांव में बोरवेल में फंसे तीन साल के मासूम प्रहलाद कुशवाहा को अंदर से निकाल लिया गया लेकिन प्रशासन के सही कार्य न करने के कारण उसकी बोरवेल में ही मौत हो गई । 4 नवंबर को बोरवेल में गिरे प्रहलाद में बोरवेल में गिरने के कुछ घंटे बाद से ही हलचल बंद हो गई थी जिसके कारण साफ साफ समझ में आ रहा था कि उसकी मृत्यु हो चुकी है । जिसके बाद भी एनडीआरएफ और सेना की टीम लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी रही और शनिवार रविवार की दरमियानी रात अंततः बच्चे को खोज निकालने में सफल रही। जिसके बाद प्रहलाद को तत्काल झांसी मेडिकल कॉलेज ले जाने के लिए एंबुलेंस तैयार थी साथ ही डॉक्टर भी तैयार थे। उसे बाहर निकालते ही एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां पर डॉक्टरों ने जब उसकी जांच की तब उससे मृत घोषित कर दिया गया । संभवत देश में चले किसी भी बोरवेल में फंसे बच्चे को निकालने के सबसे लंबे ऑपरेशन में आखिर मे असफलता हाथ लगी। शनिवार की दोपहर भी इस बात की व्यापक संभावना थी कि बच्चे तक एनडीआरएफ की टीम पहुंच जाएगी लेकिन तब बताया गया कि सुरंग का सही पता नहीं लगा पाने के कारण बच्चे की मौत हो गई ।
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