इसलिए शरद पूर्णिमा की रात में खीर बनाकर चंद्रमा की रोशनी में रखी जाती है पूरी रात चंद्रमा की रोशनी में खीर को रखा जाता है सुबह उठकर यह खीर प्रसाद के रुप में ग्रहण की जाती है चंद्रमा की रोशनी में रखी गई खीर खाने से शरीर के रोग समाप्त होते हैं। इस अवसर पूर्व पार्षद कानु प्रजापत, पार्षद पति महेश प्रजापत,पार्षद पति कान्हा प्रजापत,दीपक प्रजापत,कांति लाल प्रजापत,कार्तिक, सिसोदिया, जितेंद्र सिसोदिया ,पप्पू प्रजापत,नटवर प्रजापत,रवि प्रजापत, शंकर प्रजापत, अजय प्रजापत, कैलाश प्रजापत, प्रवीण प्रजापत,नानू प्रजापत ,सुरेश प्रजापत, योगेश प्रजापत ,भोलू प्रजापत, नारायण प्रजापत ,भूरा प्रजापत संजू प्रजापत दशरथ प्रजापत चिराग प्रजापत, हर्षित प्रजापत , मोहन प्रजापत, पवन सिसोदिया,डॉ शैलेष्टी राठौर उपस्थित आदि ।
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